छुट्टी के दिन खूब बिताए अब आओ स्कूल।
बारिश की बेला अब आई मौसम हो अनुकूल।
खूब खेल खेले छुट्टी में गर्मी पड़ी अपार।
वापस आओ विद्यालय में हो जाओ तैयार।
जितना काम दिया था घर का कांपी जांच कराओ।
किसने कितनी करी पढ़ाई यह हमको दिखलाओ।
छुट्टी बीती नानी के घर खूब किया आनंद।
गर्मी के दिन कैसे बीते इस पर लिखो निबंध।
तब जानें कितनी है क्षमता अध्यन्न में जुट जाओ।
भूल छुट्टियां अब गर्मी की अपना ध्यान लगाओ।
छूट ना जाए कोई बच्चा खेल खेल के संग।
शिक्षा का हथियार उठा लो दिखलाओ नए रंग।
कली कली अद्भुत खिल जाए खिल जाए रंग रूप।
मात पिता आशीष से चमके दिव्य स्वरूप।
करो पढ़ाई मन से बच्चों रोशन करो जहान।
दिनकर की अद्भुत किरणों सम जग में बनो महान।
- पंकज सिंह दिनकर
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