साहित्य चक्र

26 July 2020

वह हमेशा



वह हमेशा देश की बात करता है।
सिस्टम सुधारने की हमेशा जिद करता है।
हर रोज कलम, कैमरों से प्रहार करता है।

खबर दिखाने-बताने की फिक्र करता है।
राष्ट्र के चौथे स्तम्भ की संज्ञा वह पाता है।

वह फिर भी दिन-दहाड़े गोलियों से मारा जाता है।
आखिर कैसा है मेरे भारत का यह पत्रकार ?

जो खुद की आवाज नहीं बन पाता है।

दीपक कोहली "मदिरा"


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