साहित्य चक्र

18 July 2020

तेरी इन नादान हरकतें


कोरोना यह तुने कैसा बवाल मचाया है,
क्यूं इस तरह पुरी दुनिया में छाया है,
जिंदगी आसमान भाव छुने लगी,
भारी गिरावट में सस्ती दौलत और माया है।

कोरोना तेरा अभिमान चुर-चुर हो जायेगा,
इसका कारण तू जो हिन्दुस्तान में आया है,
तेरी इन नादान हरकतों से आज,
हर बच्चा, बुढ़ाऔर जवान घबराया है।

कोरोना तुझे हराकर रहेंगे मोदीजी ने जनता कर्फ्यू लगाया है,
तुझसे बचने के लिए बार-बार साबुन से हाथ धुलवाया है,
चीन तुझको हाय लगेगी कैसा जादू टोना लाया है,
तेरी मांसाहारी की आदत ने दुनिया को परिणाम भुगताया है।

अपनों के संग समय बिताने का मौका सबको मिल पाया है,
आज फिर पुरे विश्व ने भारतीय संस्कृति को अपनाया है,
ऐसे कई जीव आए कोरोना तेरी क्या औकात है,
तुझे हराने को एक हो गया सारा हिन्दुस्तान है।

घमंड तेरा चकनाचूर हो जायेगा फिर सबको क्यु डराया है,
ज्यादा दुरियां दवा बन गई यह कैसा समय आया है,
सब कहते हैं यह है महामारी,
चारों तरफ एक ही गुंज कोरोना कोरोना छाया है।

                                 देऊ जांगिड़


No comments:

Post a Comment