दोस्ती इसी से ज़िन्दगी आसां
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रिश्ता ये है अनमोल ,
बेशुमार प्यार देता है ।
महकती रूह जिससे है,
ये वो संसार देता है ।
मौज मस्ती की
है साकार परिभाषा
ज़िन्दगी इसमें है,
इसी से ज़िन्दगी आसां ।
:यादों के खजाने हैं
नादानी बचपन सी
कविता है ये मीठी
लिए अपनापन सी ।
धड़कन में छिपी बातें
तो दोस्त जान लेता है ।
महकती रूह है जिससे
ये वो संसार देता है ।
कच्ची इमली सी
कहीं रंगीन कंचे सी
गुड़िया के वालों सी
है मीठे सवालों सी
गंगा सी है पावन
ऊंची है अम्बर सी ।
चंदा सा तन उजला
गहरी समन्दर सी ।
मुस्कान के आँसू
भी पहचान लेता है ।
महकती रूह जिससे है
ये वो संसार देता है ।
रागिनी स्वर्णकार
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