दूषित राजनीति
-------------------
राजनीति के गलियारों में
सांपों ने डाला डेरा
विष-विष हो गया भारत प्यारा
झूठ, दिखावा, कोरी हेकड़ी भर-भर
फुला रहे हैं सीना
बहुत मुश्किल हुआ संविधान का जीना
भारत माँ का आँचल तक गिरवी रख आये
और विकास का गाते हैं गाना
भारत के नेताओं को शैतान ने गुरु माना
चोरी, लूट, हत्या, बलात्कार स्वयं करते
कानून को कठपुतली सा नचाते
हाथी वाले दांत सबसे छुपाते
भारत भू का करके सौदा
राष्ट्रधर्म की लगाते टोपी
संसद में बैठे मान्यता प्राप्त पापी
गिरगिट सा पल-पल रंग बदलते हैं
स्विंस बैंक काली कमाई से भरते हैं
ये तनिक नहीं काल से डरते हैं
जातिधर्म की लगाके आग
स्वार्थ की रोटियां सेकते हैं
चोर-चोर मौसेरे भाई बनकर रहते हैं
सुभाष, भगत, बिस्मिल के कफनों की लगाके बोली
आजादी का पाठ पढ़ाते हैं
भारत के नेता झूठ, मक्कारी, बेईमानी का खाते हैं
आज दूषित हुई राजनीति
इसे स्वच्छ बनाना है
जनता को जागरुक होना है ।
- मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
No comments:
Post a Comment