शिक्षक हैं हम समाज को जगाते रहेंगे.
ये जिन्दगी का मंत्र है ,सिखाते रहेंगे,
शिक्षक हैं हम, समाज को जगाते रहेंगे.
अज्ञान के अंधेरों में लिपटी हुई दुनिया,
हम ज्ञान के सूरज को, जगमगाते रहेंगे.
अंकुर नई उम्मीद के हमने उगाये हैं,
आँखों में उनके सपनो को सजाते रहेंगे.
शिक्षक हैं हम समाज को जगाते रहेंगे.
जब स्वार्थ,भ्रष्टाचार,और अन्याय पला था,
तब बन चुनौती,चाणक्यसाशिक्षक ही लड़ा था.
जब देश ने अशिक्षा की जंग लड़ी थी,
कृष्णन' के नाम शिक्षक दिवस की नींव पडी थी.
हम ही नई पीढी के नव निर्माण की सुबह,
सोये हुए सपनों को हम जगा के रहेंगे ,
शिक्षक हैं हम समाज को जगाते रहेंगे.
हमने दिया इतिहास को गौरव का सिलसिला,
अब वर्तमान को ऊंचाईयों पर लाके रहेंगे.
बुझने न देंगे ज्ञान का अविराम यह दिया,
हम आँधियों के गर्व को हिला के रहेंगे.
शिक्षक हैं हम समाज को जगाते रहेंगे...।
अर्जुन कोहली
( सेवानिवृत अध्यापक )
9634274163
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