माँ जीवन का दान करो...।
मैं दुनिया में आना चाहती,
ऐसा कुछ वरदान करो...।
बाबुल को आश्वस्त करो,
दादी को भी समझाओ तुम..।
मेरी दुनिया में आने की,
इस पहेली को बुझाओं तुम..।
माँ तुमसे उम्मीद बड़ी है,
हाथ जोड़ विनती यह करी है..।
अपनी ममतामयी आँचल को,
मुझ पे भी लहराओ तुम..।
माँ जीवन जीने का सलीखा
हम भी सीख जाएंगे..।
बोझ नहीं तुम पर बनेंगे,
जब दुनिया में आएगें..।
कांपती स्वर में कह रही..।।
# नूतन शर्मा #
# नूतन शर्मा #
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