साहित्य चक्र

03 September 2017

* हिंदुस्तान की शान & भारत का शौर्य *

             
              
हिंदुस्तान की शान यहां के जांबाज सेना के रणबांकुरों के बिना अधूरी हैं। ये बात कई बार साबित भी हुई है। चाहे 26/11 मुंबई हमला हो या फिर भारत-पाक युद्ध ही क्यों ना हो। हर क्षेत्र में सेना का अहम योगदान रहा हैं। आग लगने से लेकर पानी गिरने तक में सेना देश के आम जनता के साथ खड़ी रहती हैं। वैसे आजादी से पहले भी भारतीय सेना के जवानों ने अंग्रेजों के लिए कई युद्ध लड़े थे। 




आपको बात दूं कि 15 जनवरी 1949 को भारतीय सेना की कमान भारतीय नागरिक - "के एस करिअप्पा"  के हाथों में आई थी। जिसे कमांडर इन चीफ कहा जाता है। जो सेना का प्रमुख होता है। वैसे ये भी कहा जाता है कि इस दिन लोकतांत्रिक भारत को पहला सेना प्रमुख मिला। इस दिन को हम आज भी थलसेना दिवस के रूप में मनाते है। यहीं नहीं 26 जनवरी ( गणतंत्र दिवस) के मौके पर भी हमारे ये जवान अपने शौर्य और ताकत से पूरे देश का दिल जीत लेते हैं। ये जवान आपने आप में जितने मजबूत होते हैं, उतने ही देश के लिए भी..। वैसे जब हम जवानों की बात करते है..तो भारत-पाक मुद्दा सामने आ जाता है....। जो पाकिस्तान हर समय भारत की सीमा पर गोलाबारी करता रहता है....। लेकिन फिर भी हमारे ये जवान सीमा पर डंटे रहते हैं....। 




हमारे जवान दिन-रात हमारे लिए और हमारे देश के लिए सीमा पर तैनात रहते हैं...। हमारे जवान दुश्मन पर हर वक्त पैंनी नजर रखते है...। पूरे देश को हमारे इन जवानों पर पूर्ण विश्वास होता है...। चाहे कुछ भी हो जाए...। हमारी सेना कभी हार नहीं मानती...। 




भारतीय थलसेना का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है...। भारतीय थलसेना की स्थापना 1 अप्रैल 1895 यानि 123 वर्ष पहले हुआ था..। भारतीय थल सेना में लगभग 15 लाख से ज्यादा सैनिक है...। जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना है...।  देश का राष्ट्रपति भारतीय सेना का प्रधान सेनापति होता है...। जिसकी कमान भारतीय थलसेना अध्यक्ष के पास होती है...। जो की चार सितारा जनरल स्तर के अधिकारी होते है...। हाँ...। पाँच सितारा रैंक सिर्फ फिल्ड मार्शल के पास होती है...। इस रैंक से आजतक सिर्फ दो अधिकारी सम्मानित हुए है...। हमारी सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना है...। और राष्ट्र को दुश्मन की नजरों से बचाना... ही हमारी सेना का मूल कर्तव्य है...। देश को हर मुश्किल कड़ी से निकाल और हर खतरे से देश की सेवा करना...। हमारी थलसेना का आदर्श वाक्य 'स्वपूर्ण सेवा' है..। 



हमारी सेना ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है...। हिंदुस्तान की शान हमारी सेना...भारत का शौर्य हमारी सेना...। जय हिंद..जय भारत..।


                                                          * संपादक- दीपक कोहली *



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