साहित्य चक्र

03 September 2017

* मेरा वादा है ये.....।।

कितनी मासूम है लाडली तू....।
फिर भी क्यों तुझे दुनिया में आने से मना है।।

पता नहीं लोगों को क्या बीमारी है...।
मुझे इन सब से यहीं पूछना है....।।

तू तो दो घरों को रोशन करती है...।
फिर भी हर जगह कोख में मरती है...।।

लेकिन अब ऐसा नहीं होगा तुझे दुनिया में लाएंगे,
तुझे खुब प्यार देगे और लडको से ज्यादा पढाएगे ।

मेरा वादा है ये.....।।

                       * सुमन जांगड़ा *

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