साहित्य चक्र

09 September 2017

* हे परमेश्वर...!

हे परमेश्वर...। तुम ही इस लोक के स्वामी हो...तुम ही इस लोक के पालनहार हो..। धन्य हो प्रभु तुम..धन्य हो।। 



परमेश्वर इस संसार का सबसे बड़ा शब्द ही नहीं बल्कि सबसे बड़ी शक्ति भी है..। परमेश्वर ही हमारा परमात्मा है, परमेश्वर ही हमारी परम शक्ति है..। परमेश्वर ने इस सृष्टि को हम प्राणीयों के लिए बनाया है..। इस सृष्टि में सबसे बुद्धमान भी हम मानव जाति है..। सबसे बुद्धमान होने के नाते हमारा यह कर्तव्य बनाता है..कि हम इस सृष्टि की रक्षा करें और इसे बचाएं रखें...। मानव जाति इस सृष्टि में सबसे ज्यादा संख्या में है..। इसलिए हमारा एक और कर्तव्य बनाता है.....कि हमें सृष्टि में शांति के साथ-साथ इसकी सुंदर भी बनाए रखें..। परमेश्वर ने मानव जाति को इस सृष्टि में कल्याण के लिए भेजा है..। परमेश्वर ही मानव जाति का गुरू है..। परमेश्वर ही मानव जाति का जन्मदाता हैं...। हे परमेश्वर इस मानव जाति का कल्याण कर...। इस सृष्टि को पापों से बचा लें...। इस मानव को अपनी एक नया मार्ग दिखाओ..। जिससे हमारी सृष्टि बची रहें..। हे परमेश्वर...। तुम ही इस सृष्टि के मालिक हो..। तुम ही इस सृष्टि के रक्षक हो..। हे दाता दण्डित कर इस मानव जाति हो..। जो इस लोक में पाप को बढ़ा रहे है...। हे परमेश्वर..हे परमेश्वर..हे परमेश्वर...।


                                                           लेखक- दीपक कोहली

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