भुवन चंद्र खंडूरी देवभूमि के गढ़वाल क्षेत्र में आपने आप में एक ऐसा नाम है...। जिसे हर बच्चा - बच्चा जानता हैं...। जी हाँ..सही सुना और पढ़ा...। हम बात कर रहे है...। उत्तराखंड के अब तक के सबसे तेज तर्रार सीएम के रूप में पहचान बनाने वाले बीसी खंडूरी की...। खंडूरी का जन्म 1 अक्टूबर 1934 में उत्तराखंड के देहरादून शहर में हुआ था...। खंडूरी देवभूमि के एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि देश के एक सैनिक भी रहे है..। वैसे आपको बता दूं...कि बीसी खंडूरी के पिता 'जय बल्लभ खंडूरी' एक पत्रकार थे..। वहीं माता जी 'दुर्गा देवी खंडूरी' एक सामाजिक कार्यकर्ता थी..। बीसी की धर्मपत्नी का नाम 'अरुणा खंडूरी' है..। खंडूरी जी के दो बच्चे भी है..। जिनमें से एक पुत्री- एक पुत्र है..।
अगर खंडूरी की शैक्षिक योग्यता की बात करें तो इन्होंने बीए, बीएससी, एमआईई से साथ रक्षा प्रबंधन स्नातकोत्तर भी किया हैं..। वहीं खंडूरी का सेना में भी उत्कष्ट कार्यकाल रहा है..। जिन्होंने 1954 से 1990 तक सेना में देश सेवा की..। यानि 36 साल देश की सेवा - रक्षा की..। अपना पूरा जीवन देश के नाम कर दिया..। खंडूरी भारतीय सेना में कुछ महत्वपूर्ण पदों पर सेवावृत रहे है..।
जो इस प्रकार है..।
1- रेजिमेंट के कमांडर (1971-भारत-पाक युद्ध)-
2- सेना में मुख्य अभियंता
3- इंजीनियरिंग ब्रिगेड कमांडर
4- सेना मुख्यालय में अतिरिक्त सैन्य सचिव
5- सेना मुख्यालय में इंजीनियर-इन-चीफ व महानिदेशक
जिसके लिए खंडूरी को 1982 में भारतीय सेना में असाधारण योगदान देने के लिए भारत के राष्ट्रपति से अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) से सम्मानित किया गया..। सेना से रिटार्यड होने के बाद खंडूरी ने देवभूमि से राजनीति में कदम रखा..। वैसे खंडूरी ने एक छात्र के रूप में आजादी के संघर्ष में भी देशभक्ति खूब निभाई है...। कम उम्र में खंडूरी ने उल्लेखनीय राजनीति की चेतना प्रदर्शन की..। खंडूरी ने पहली बार लोकसभा के लिए उत्तराखंड के गढ़वाल से 1991 में चुनाव लड़ा..। जिसके बाद 2000 से 2003 तक अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी रहें...। उन्हें 2003 में कैबिनेट रैंक में ऊपर उठाया गया और मई 2004 में एनडीए सरकार के कार्यकाल के अंत तक इस पद बैठे रहे...।
खंडूरी देवभमि से भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता है...। जिन्होंने विभिन्न संसदीय समितियों में सेवा की है...। एक मंत्री के रूप में, उन्होंने दक्षता और तेज गति के साथ भाजपा के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना को लागू किया....। वहीं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के रूप में खंडूरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग विकास योजना को दक्षता और सर्वशक्ति के साथ अंजाम दिया...। प्रमुख भारतीय शहरों और उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर परियोजना को जोड़ने वाले स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना को आकार दिया...। खंडूरी ने 2007-2009 और 2011-2012 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा की है...। खंडूरी अभी 16 वीं लोकसभा के भी सदस्य हैं...। जो इस समय उत्तराखंड के गढ़वाल संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं....। इससे पहले उन्होंने कैबिनेट मंत्री, भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता वाली सरकार में भू-तल परिवहन मंत्रालय के रूप में भी सेवा दी है..। वहीं विधानसभा में खंडूरी घूमाकोट का प्रतिनिधत्व करते है..। रमेश पोखरियाल के बाद खंडूरी देवभूमि के चौथे सीएम बनें..। इस समय खंडूरी देवभूमि के गढ़वाल लोकसभा सीट से लोकसभा सांसद है...। अपने कामों और सक्त नियमों के लिए खंडूरी पूरे प्रदेश में जाने जाते है...। जिस तरह उनका सीएम कार्यकाल रहा..। वह सराहनीय था..। हम उम्मीद करते है...कि आगे भी खंडूरी का राजनीति जीवन सराहनीय रहे..। हम ईश्वर से कामना करते हैं..। वे हमेशा स्वस्थ रहे और प्रदेश को एक नई ऊर्जा प्रदान करते रहे...।
संपादक- दीपक कोहली
अगर खंडूरी की शैक्षिक योग्यता की बात करें तो इन्होंने बीए, बीएससी, एमआईई से साथ रक्षा प्रबंधन स्नातकोत्तर भी किया हैं..। वहीं खंडूरी का सेना में भी उत्कष्ट कार्यकाल रहा है..। जिन्होंने 1954 से 1990 तक सेना में देश सेवा की..। यानि 36 साल देश की सेवा - रक्षा की..। अपना पूरा जीवन देश के नाम कर दिया..। खंडूरी भारतीय सेना में कुछ महत्वपूर्ण पदों पर सेवावृत रहे है..।
जो इस प्रकार है..।
1- रेजिमेंट के कमांडर (1971-भारत-पाक युद्ध)-
2- सेना में मुख्य अभियंता
3- इंजीनियरिंग ब्रिगेड कमांडर
4- सेना मुख्यालय में अतिरिक्त सैन्य सचिव
5- सेना मुख्यालय में इंजीनियर-इन-चीफ व महानिदेशक
जिसके लिए खंडूरी को 1982 में भारतीय सेना में असाधारण योगदान देने के लिए भारत के राष्ट्रपति से अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) से सम्मानित किया गया..। सेना से रिटार्यड होने के बाद खंडूरी ने देवभूमि से राजनीति में कदम रखा..। वैसे खंडूरी ने एक छात्र के रूप में आजादी के संघर्ष में भी देशभक्ति खूब निभाई है...। कम उम्र में खंडूरी ने उल्लेखनीय राजनीति की चेतना प्रदर्शन की..। खंडूरी ने पहली बार लोकसभा के लिए उत्तराखंड के गढ़वाल से 1991 में चुनाव लड़ा..। जिसके बाद 2000 से 2003 तक अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी रहें...। उन्हें 2003 में कैबिनेट रैंक में ऊपर उठाया गया और मई 2004 में एनडीए सरकार के कार्यकाल के अंत तक इस पद बैठे रहे...।
खंडूरी देवभमि से भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता है...। जिन्होंने विभिन्न संसदीय समितियों में सेवा की है...। एक मंत्री के रूप में, उन्होंने दक्षता और तेज गति के साथ भाजपा के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना को लागू किया....। वहीं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के रूप में खंडूरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग विकास योजना को दक्षता और सर्वशक्ति के साथ अंजाम दिया...। प्रमुख भारतीय शहरों और उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर परियोजना को जोड़ने वाले स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना को आकार दिया...। खंडूरी ने 2007-2009 और 2011-2012 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा की है...। खंडूरी अभी 16 वीं लोकसभा के भी सदस्य हैं...। जो इस समय उत्तराखंड के गढ़वाल संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं....। इससे पहले उन्होंने कैबिनेट मंत्री, भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता वाली सरकार में भू-तल परिवहन मंत्रालय के रूप में भी सेवा दी है..। वहीं विधानसभा में खंडूरी घूमाकोट का प्रतिनिधत्व करते है..। रमेश पोखरियाल के बाद खंडूरी देवभूमि के चौथे सीएम बनें..। इस समय खंडूरी देवभूमि के गढ़वाल लोकसभा सीट से लोकसभा सांसद है...। अपने कामों और सक्त नियमों के लिए खंडूरी पूरे प्रदेश में जाने जाते है...। जिस तरह उनका सीएम कार्यकाल रहा..। वह सराहनीय था..। हम उम्मीद करते है...कि आगे भी खंडूरी का राजनीति जीवन सराहनीय रहे..। हम ईश्वर से कामना करते हैं..। वे हमेशा स्वस्थ रहे और प्रदेश को एक नई ऊर्जा प्रदान करते रहे...।
संपादक- दीपक कोहली
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