जीवन में हर चीज का अपना महत्व होता है, पर
हम उसे अपने जीवन में कितना महत्वपूर्ण मानते हैं ।
यह हम पर निर्भर होता है जैसे
दुःख है , तभी तो सुख का आनंद है,
आलोचना है, तभी तो प्रशंसा का महत्व है,
उद्देश्य है , तभी तो योजनाएँ बनती है,
घृणा है , तभी तो प्रेम को अर्थ मिलता है ।
पराए हैं , तभी तो अपनों का अस्तित्व है,
दुश्मन हैं , तभी तो दोस्तों का ज्ञान होता है,
सामान्य बुद्धि वाले हैं, तभी तो तीक्ष्ण बुद्धि का मान है,
झगडालू प्रवृति वाले हैं , तभी तो शांति प्रिय लोगों आवश्यकता है ।
असफलता है , तभी तो सफलता की चाहत है,
समय नहीं है, तभी तो समय की कीमत जानते हैं,
निर्गुण है,, तभी तो गुणों की कीमत जानते हैं
असंतोष हैं, तभी तो संतोष चाहते है सब ।
सीधी,सरल और स्पष्ट बात है ,
संतुष्ट जीवन का मंत्र है, महत्वाकांक्षी बने रहना
और जीवन की हर बात को महत्वपूर्ण मानना ।।
डॉ. सारिका ठाकुर
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