आज सजेगी भाई की सुनी कलाई,
देखो आई राखी !
भैया माथे मैं तेरे, कुमकुम तिलक लगाऊं।
लेकर दीपक थाल, तेरी मैं लूं बलियां।
सूनी कलाई पर मैं , तेरे रक्षा धागा बांधू।
बांध के राखी तुझसे, मैं एक वादा मांगू।
वादें में, बनवाकर तुम कलाई, पर रेशम का धागा।
भाई बहन के रिश्ते को, मजबूत बनाना मेरे भैया।
मेरी दुआएं भी, तेरे साथ रहेंगी।
हर सुख दुख में, मैं भैया तेरे पास रहूंगा।
जीवन के पथ पर, मेरा भैया बढ़े।
हर खुशियां उसके, कदमों तले।
चाहे जितनी दूर, हो जाओ तुझसे भैया।
हरदम मैं तेरे, हृदय के पास रहूंगी।
डॉ माधवी मिश्रा शुचि
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