सरस्वती माँ के हाथ की शोभा,
ज्ञान जिससे हम सबने पाया है,
संस्कृति और सभ्यता से ,
जिसने परिचय कराया है।
अक्षर ज्ञान इसी से मिला ,
इतिहास जिसने बताया है,
वेदों और पुराणों को भी,
जिसने संभाला और संजोया है।
इतिहास, भूगोल, ज्ञान,
विज्ञान जिसने हमे सिखाया है।
रामायण, महाभारत, गीता जी जैसे,
कई सरस रचनाओं से परिचय कराया है।
भाषाओं का ज्ञान देकर,
जो जग को करीब लायी है,
हाँ" पुस्तक "ही तो है वो,
जो सबके मन को भाई है।
सबके सुख दुःख की साथी,
पुरी दुनिया ही जिसमें समाई है,
क्या होता गर "पुस्तक "न होती,
सोच के ही दुनिया घबराई है।
आने वाली पीढ़ी हमें ,
पुस्तक से ही जान पाएगी,
और "काव्य कोश"की कविताएं भी ,
पुस्तक के माध्यम से
दुनिया में छा जाएगी।।
सारिका "जागृति"
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