आज औद्योगिक युग के बाद फैक्ट्री, ऑफिस और नौकरी का जो दौर शुरू हुआ, उसने मनुष्य को घड़ी का गुलाम बनाकर रख दिया। आधुनिक अविष्करांे ने हमारे जीवन की गति बढ़ा दी है। इनकी बदौलत हम दुनिया से तो जुड़ गए हैं, लेकिन शायद खुद से दूर हो गए हैं। मोबाइल हमारे समय के सबसे बड़े शत्रुओं में से एक है, क्योंकि वह हमें महत्वहीन कामों में उलझा देता है। मोबाइल से दो तरह से समय बर्बाद होता है या तो हम खुद ही अपना समय बर्बाद करते हैं या फिर अब इसके माध्यम से दूसरे हमारा समय बर्बाद करते हैं। जिन लोगों के पास खाली समय होता है, वह हमेशा काम करने वाले लोगों का समय बर्बाद करेंगे। बर्बाद समय का अर्थ है बर्बाद जीवन।
आप बर्बाद समय को रिसाइकल नहीं कर सकते है। यदि आप समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग को लेकर गंभीर हैं तो मोबाइल, टीवी, इंटरनेट चैटिंग आदि समय बर्बाद करने वाले आविष्कारों का इस्तेमाल कम कर दें। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग की तरह ही समय की गति भी आज की एक समस्या है, जो आधुनिक जीवन शैली का परिणाम है।
हम 80 प्रतिशत काम 20 प्रतिशत समय में ही पूरा कर लेते हैं और बचे हुए 20 प्रतिशत काम में 80 प्रतिशत समय बर्बाद करते हैं। इंटरनेट पर अगर आप ज्यादा काम करते हैं तो आपको ब्रॉडबैंड कनेक्शन पर काम करना चाहिए। इसकी गति तेज होती है। हर इंसान दिन में काम से कम 5 मिनट तक नीरा मूर्ख होता है। समझदारी इसमें है कि हम इस अवधि को बढ़ने न दें। अगर आप पूर्व दिशा में जाना चाहते हैं तो पश्चिम की ओर न जाए। जो दुनिया को हिलाना चाहता है, सबसे पहले उसे खुद को हिलना चाहिए। इससे ज्यादा निरर्थक कुछ नहीं है कि आप वह काम कुशलता से करें जिसे किया ही नहीं जाना चाहिए था।
उस व्यक्ति का कितना सारा समय बच जाता है, जो इस बात पर नजर नहीं रखता है कि उसकी पड़ोसी क्या कहता, करता और सोचता है? मोबाईल, सिगरेट और शराब के अलावा भी कई बुरी लत होती है, जो सिर्फ आपका बहुत-सा समय ही बर्बाद नहीं करती बल्कि जीवन भी बर्बाद करती है। समुद्र में इतने लोग नहीं डूबे जितना कि मोबाईल, सिगरेट और शराब में डूब गए। यह मनोवैज्ञानिक आदतें होती है, जिनमें उलझ कर आप अपना समय खुद बर्बाद करते हैं। बड़़ बोलेपन से भी बहुत समय बर्बाद होता है।
एक सुंदर युवती से रोमांटिक बातें करते समय एक घंटा एक सेकंड की तरह लगता है और सुर्ख अंगारे पर एक सेकंड बैठना भी एक घंटे की तरह लगता है। अपने बेटे को आदमी बनने में एक औरत को 20 साल लग जाते हैं और दूसरी औरत उसे 20 मिनट में मूर्ख बना देती है। जब आप शहद की तलाश में जाते हैं तो आपको यह उम्मीद रखनी चाहिए कि मधुमक्खियां आपको काटेंगी। जल तरंग के समान चंचल इस जीवन में लेस मात्र का भी सुख नहीं है। आज के समाज को आत्मावलोकन की जरूरत है। हमारे समय को चुराने वालों की पहचान करने की जरूरत है। जब तक आप अपने समय को मूल्यवान नहीं मानेंगे, तब तक आप इसके बारे में कुछ भी नहीं करेंगे। समय धन से अधिक मूल्यवान है।
- डॉ नन्दकिशोर साह
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