*सुमन जांगड़ा* |
रुकना नही है तुझे,बस चलते जाना है।
कदम दर कदम आगे, बढ़ते जाना है।
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मत हिम्मत हारना,चाहे पर्वत सी ऊंचाई हो।
लक्ष्य तेरा अटल है कितनी भी कठिनाई हो।
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होंसलो की उड़ान तुझे ,बन
दिखलाना है।
आगे आगे तुम चलो ,पीछे जमाना है।
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चिर दो दुश्मन का सीना,जो
राहो में आ जाये।
भारत की तुम निडर बेटी,न कभी घबरा पाये।
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मौत से भी लड़ जाओ अगर जरूरत पड़ती है।
आँच न आये अपने हिन्द पर,जब तू आगे बढ़ती है।
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कभी दुर्गा कभी लक्ष्मी,काली का अवतार है तू।
वतन के ऊपर जान झोंकना,हर समय तैयार है तू।
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गर्व है तुम पर इस देश को ,कर दिखलाया ऐसा काम।
हे,मर्दानी -हिंदुस्तानी देश की नारी तुझे सलाम।
जय हिन्द
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*सुमन जांगड़ा*
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