जब - जब देवभूमि की बात होगी, तब - तब उन लालों को याद किया जाएगा। जिन्होंने देवभूमि के लिए अपना तन - मन से लगा दिया। जी हां उन्हीं में से एक हैं..। रानीखेत के अजय भट्ट।
अजय भट्ट को सबसे पहले मैं जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दूंगा। 1 मई 1961 को अल्मोड़ा के रानीखेत क्षेत्र में इनका जन्म हुआ था। इनके पिता कमलापति भट्ट और माता तुलसी देवी भट्ट थी। जो रानीखेत के गांधी चौक के रहने वाले थे। भट्ट बचपन से ही तीव्र बुद्ध वाले व्यक्ति थे। अजय भट्ट ने एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की है। भट्ट 1980 से राजनीति में सक्रिय हुए और बाद में बीजेपी से जुड़े। उत्तराखंड राज्य प्रगति हेतु बीजेपी प्रमुख मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में भट्ट को जेल भी जाना पड़ा था। वहीं अयोध्या कांड के लिए भट्ट को दो बार जेल भी हुई। पहली बार 18/10/1990 और दूसरी बार 26/10/1990 को। वहीं 8/12/1990 में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के अयोध्या कांड के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर रानीखेत आगमन हुआ। जिसका भट्ट ने जनता के साथ प्रलब विरोध किया गया। जिसमें अजय को गिरफ्तार भी किया गया। अजय उत्तराखंड की राजनीति में एक अलग ही स्थान रखते है। अपने शांत-स्वभाव के लिए भट्ट पूरे प्रदेश में जाने जाते है। भट्ट का राजनीति असली जीवन सन् 1996 से शुरू हुआ। जब अजय को प्रदेश की रानीखेत सीट से बीजेपी ने विधायक का टिकट दिया। जिसमें अजय की जोरदार जीत हुई।
आइए एक नजर डालते है भट्ट के राजनीति जीवन पर-
- 1996-2000 विधायक- रानीखेत विधानसभा क्षेत्र.
- 2002-2007 विधायक - रानीखेत विधानसभा क्षेत्र.
- 2001-2002 प्रेदश सरकार में मंत्री.
- 2 बार प्रदेश महामंत्री.
- 8 साल- रानीखेत- मजदूर संघ- अध्यक्ष.
- 28/10/2009 से 25/12/2011- राज्य ग्रामीण स्वास्थ्य सलाहकार.
वर्तमान में अजय भट्ट उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष है। वहीं इस बार के विधानसभा (2017) में अजय भट्ट को कांग्रेस के उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा। अगर भट्ट की व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो, भट्ट की पत्नी पुष्पा भट्ट एक वकील है। अजय के चार बच्चे भी है, जिनमें तीन पुत्रियां- मेघा भट्ट, स्नेहा भट्ट, सुनीति भट्ट, और एक पुत्र दिग्विजय भट्ट है। जो इस समय उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे है। जैसे आपके बात दूं- अजय विदेशी यात्रा भी कर चुके है। जिसमें भट्ट कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैण्ड की यात्रा कर चुके है। भट्ट अपने आप में काफी लोकप्रिय नेताओं में गिने जाते हैं।
रिपोर्ट- दीपक कोहली
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