*गरीबी की चाह* |
गरीबी भी क्या चीज है..?
कभी हंसाती है, तो
कभी रूलाती है।
कभी रूलाती है।
आखिर क्या चीज है,
ये गरीबी....?
ये गरीबी....?
जो इतनी सताती है...?
कभी भूखा सुलाती है, तो
कभी नंगे पैर चलवाती है।
आखिर क्या चीज है,
ये गरीबी....?
आखिर क्या चीज है,
ये गरीबी....?
गरीबी भी क्या होती है..?
कभी बिना कपड़े घूमते है, तो
कभी दर-दर भटकाती है।
आखिर क्या चीज है,
ये गरीबी....?
कभी बिना कपड़े घूमते है, तो
कभी दर-दर भटकाती है।
आखिर क्या चीज है,
ये गरीबी....?
*कवि- दीपक कोहली*
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