साहित्य चक्र

26 July 2017

* रायसीना का बॉस राम- 'कोविंद'

                      


उत्तरप्रदेश का लाल-कानपुर का राम बना देश का महामहिम...! जी हां..! आपने सही सुना और सही पढ़ा...। उत्तरप्रदेश के कानपुर देहात के रहने वाले रामनाथ कोविंद बने देश के 14वें  महामहिम यानि राष्ट्रपति..। रामनाथ कोविंद ने जैसे ही 25 जुलाई 2017 को संसद भवन में राट्रपति पद की शपथ ली..। वैसे ही देश को 14वां राष्ट्रपति मिल गया..। जी हां..! अब हमारे देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नहीं बल्कि रामनाथ कोविंद है...। जो इससे पहले बिहार के राज्यपाल हुआ करते थे। सही पहचान बिहार का राज्यपाल अब देश का राष्ट्रपति है..। आइए हम आपको बताते है। रामनाथ की सच्ची पहचान क्या है..? 
रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को कानपुर देहात (उत्तरप्रदेश) के तहसील डेरापुर के गांव परौंख में हुआ था। जिनके पिता का नाम स्वर्गीय माईकू लाल और माता जी का नाम स्वर्गीय कलावती था। रामनाथ कोविंद की धर्मपत्नी का नाम सविता कोविंद है। रामनाथ कोविंद हिन्दू धर्म के कोरी (कोली) जाति के है। जो एक अनुसूचित जाति में आने वाली जाति है। कोविंद एक गरीब और निर्धन परिवार से उठकर यहां तक पहुंचे है। रामनाथ कोविंद ने कानपुर से बीकॉम करने के बाद एलएलबी की और फिर दिल्ली चले आए..। जिसके बाद कोविंद ने आईएएस की तैयारी की, लेकिन दो बार नाकाम होने के बाद तीसरी बार कोविंद सफल तो हुए लेकिन उन्हें आईएएस पद नहीं मिल पाया। जिसके बाद कोविंद ने नौकरी नहीं कर लॉ का अभ्यास किया। जिसके बाद रामनाथ कोविंद ने केंद्र सरकार के लिए वकील के रूप में काम किया ।

दिल्ली हाई-कोर्ट में 1977 से 1979 तक और 1980 से 1993 तक  केंद्र सरकार की स्टैंडिग कौंसिल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अभ्यास किया। सन् 1994 में कोविंद यूपी से राज्यसभा सांसद चुने गए...। अपनी कुशल कार्य क्षमता के चलते कोविंद लगातार दो बार राज्यसभा सांसद चुने गए..।
इतना ही नहीं रामनाथ कई वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे..। जिनमें एससी और एसटी पार्लियामेंट्री कमेटी, राज्यसभा चैयरमैन, होम अफेयर्स पार्लियामेंट्री कमेटी में कार्यरत रहे...।

कोविंद ने 2002 में यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। वहीं राष्ट्रपति बनने से पहले रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल के रह चुके है। रामनाथ कोविंद ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा तीसरे प्रयास में ही पास कर ली। जो उनकी बुद्धिमानिता को दर्शाता है...। अगर राजनीति की हम बात करें तो रामनाथ कोविंद का राजनीति जीवन 1991 से शुरू हुआ। 1991 में रामनाथ कोविंद बीजेपी सम्मिलित हुए। जिसके बाद वो दो बार राज्यसभा सांसद भी रहे..। अपने कामों के लिए कोविंद पूरे दलित वर्गों में जाने जाते है। रामनाथ ने समाज में शिक्षा को लेकर कई ठोस कदम उठाए। जिससे उन्हें कर बार सम्मानित भी किया जा चुका है। कोविंद देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति है..। अपनी महेनत और पराक्रम से कोविंद आज देश के राष्ट्रपति बनें है। जो कभी मिट्टी से बने घर में रहा करता था। आज वो व्यक्ति देश का सर्वोच्च नागरिक है। यह बात अपने आप में बहुत कुछ प्रदर्शित करती है..।  हमें उम्मीद करते है कि रामनाथ कोविंद का कार्यकाल सराहनीय रहेगा। 




                                        रिपोर्ट- दीपक कोहली

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