साहित्य चक्र

02 July 2017

बिन-बेकार-अधूरा...।

पानी बिन- नदी बेकार
नदी बिन- गांव बेकार 
गांव बिन- देश अधूरा..।

गुरू बिन -शिष्य अधूरा
शिष्य बिन- शिक्षा बेकार 
शिक्षा बिन- जीवन बेकार..।

प्रेम बिन- संबंध अधूरा,
संबंध बिन- संसार अधूरा
संसार बिन- मावन बेकार..।।

                           कवि- दीपक कोहली

2 comments:

  1. बहुत बहुत धन्यवाद जी

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