साहित्य चक्र

25 July 2022

कविताः हमारी पुस्तक





शब्दों का भंडार है पुस्तक।
लेखक की पहचान है पुस्तक।
जीवन का आधार है पुस्तक।
ज्ञानी का ज्ञान है पुस्तक।

शब्दों को समझाती है।
कठिनाई से बचाती है ।
हमें शास्त्र भी बताती है।
व्यक्तित्व सदा निखारती है।

पहले लगती पहेली है।
लेकिन सच्ची सहेली है।
पढ़ जिसे खुशी मिले।
ऐसी यह अलबेली है।

ज्ञान का आधार पुस्तक।
ध्यान का आगार पुस्तक।
प्रभु का वरदान पुस्तक।
हम सब का प्यार पुस्तक।


लेखिका- नित्या यादव


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