स्वतंत्रता की किसको नहीं चाह,
आसान नहीं इस चाह की राह।
स्वछंदता से इसके मध्य पतली रेखा,
संस्कार से ही बंधती इसकी सीमा रेखा।
नारी स्वतंत्रता नहीं है मात्र पुरुष-विरोध
नारी अशिक्षा इसका सबसे बड़ा अवरोध।
नारी उत्पीड़न कारण मात्र नहीं पुरुष वर्ग,
प्रभुत्व आकांक्षिणी संलग्न अहंकारी स्त्री वर्ग।
रूढ़िवादी परम्परा का आवश्यक सशक्त विरोध,
आत्म स्वावलम्बन के प्रति सम्यक् बोध।
नारी स्वतंत्रता हेतु हमारा प्रथम चरण,
मौलिक शिक्षा ही एकमात्र विवेकपूर्ण वरण।
लेखिका- डॉ० उपासना पाण्डेय
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