ना कोई शायरी और
ना कोई नज्म लिखेंगे।
डूबा है दिल दर्द में मेरा ,
माँ आज तेरा सम्मान लिखेंगे।।
हर फौजी के दिल मे
वंदे मातरम का जोश लिखेंगे।
आज हम कश्मीर लिखेंगे।।
कब तक बर्बरता सहेंगे हम
कब तक सैनिकों के सर की भेंट करेंगे।
छलनी कर दुश्मन की छाती को,
नया एक इतिहास लिखेंगे।
आज हम कश्मीर लिखेंगे।।
रोती माँ ,बहनो की छाती को
दुश्मन के लहू से लाल करेंगे।
आज फिर धरती को
तेरी हम आबाद करेंगे।।
फहरायेगे आज तिरंगा कश्मीर में।
उस पर वन्देमातरम का जोश लिखेंगे।
आज हम सिर्फ और
सिर्फ कश्मीर लिखेंगे।
जय माँ भारती जय हिंद
वीर शहीदों को नमन
संध्या चतुर्वेदी
शानदार रचना
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