जब हरियाणा की बात होती है...! तो घूंघट का जिक्र जरूर होता है..। जहां हरियाणा पूरे देश में एक अव्वल राज्य के रूप में पहचाना जाता है। तो वहीं हरियाणा अपनी संस्कृति को लेकर भी काफी चर्चाओं में बना रहता है।फिर चाहे वो घूंघट की आन-बान म्हारे हरियाणा की पहचान ही क्यों ना हो..? हमारा देश आज विकास की उस पट्टरी पर है...। जहां से वापस आना मुश्किल है...। देश दिन-प्रति-दिन एक नया इतिहास बनाता जा रहा है...। जो हमारे आने वाले भविष्य के लिए बेहतर होगा..। लिहाजा इस बात पर मुझे हरियाणा की वो संस्कृति याद आती है...। जो हरियाणा की शान कही जाती है...। यानि 'हमारो घूंघट हमारी शान' की..। हरियाणा अपनी संस्कृति के लिए पूरे भारत में एक अलग पहचान रखता है..। यहां आज भी महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकाला जाता है...। यानि नहीं निकलने दिया जाता है..। हरियाणा इससे पहले भी काफी सुर्खियों में रहा है...। वहीं कुछ समय पहले हरियाणा सरकार ने अपनी पत्रिका 'हरियाणा संवाद' में घूंघट को हरियाणा की शान बताया था..। तब हरियाणा सरकार की जमकर किर-किरी हुई..। आखिर होने भी क्यों नहीं चाहिए..। एक तरफ देश विकाश की खोज कर रहा है..। वहीं दूसरी तरफ हम अपनी संस्कृति को पीछे की ओर खींच रहे हैं...। अगर दिल्ली की महिला जींस में घूम सकती है..तो हरियाणा की क्यों नहीं घूम सकती...। हमें आधुनिक भारत का निर्माण करना है..। तो सभी की भूमिका सामना होनी चाहिए..। तभी आधुनिक भारत का निर्माण हो सकता है...। हरियाणा को अगर अपनी संस्कृति बनाए रखनी है...। तो उसे संस्कृति के प्रति खुद खड़ा होना चाहिए..। तभी यह संभव लगता है...। हरियाणा में आज भी लड़की और लड़के में काफी भेद किया जाता हैं...। जो कि एक गलत धारणा है..। हमें सामाज में सभी को एक मत देना होगा..। और लड़की व लड़के का भेद खत्म करना होगा..।
संपादकः- दीपक कोहली
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