साहित्य चक्र

16 February 2019

हौसला अभी बाकी है

हौसला अभी बाकी है
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हिमालय सा हौसला 
गंगा सी पवित्रता है
भारत के बच्चे-बच्चे
के जहन में भारत माता है।

ये दर्द नहीं चिंगारी है
गुजर रहा एक-एक पल 
हर हिन्दुस्तानी पर भारी है
नम आंखे को यकी है
आने वाला तूफान अभी बाकी है।

नजर टिकती नही
हर जुबा खामोश है
दिल को उम्मीद है
दुश्मनो के शहर को
अभी तबाह होना बाकी है।
                               

कोई अड़चने हिला नहीं सकती
चंद मुश्किले डिगा नहीं सकती
बूरी नजर रखने वाले 
हमारा कुछ बिगाड़ नहीं सकती।

याद करो 71 को जब 
औकात तुम्हें दिखाई थी
कई लाख सैनिकों को
अपने पैरों पर झुकायी थी।


याद करो कारगिल को
जब सैनिकों को मरता 
छोड़कर भागा था
भारत के वीर सपूतो ने
ही जिनको धूल चटाया था।

छप्पर भी नहीं था सर पर
गर याद करोगे हमारे
दिए गए एहसानो को
भली भाँति जानता हूँ
तेरी मक्कारी भरी अरमानो को।


याद करो भूल गए वो
किए गए सर्जिकल स्टाइक
तब भी तो मूकर गया था
सबूतो के कारण तू नही
सारी दुनिया हिल गया था।

                    विनम्र श्रद्धांजली
                        "आशुतोष"

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