साहित्य चक्र

15 March 2017

-हर सुबह सुहानी-

हर सुबह सुहानी हो जाए,
दुखों की बात पुरानी हो जाए।।
मेरी ये मुस्कुराहट....।
तुम्हारी दिवानी हो जाए।।



हर पल खूबसूरत हो जाए,
हर सपने साकार हो जाए।।
तुम्हारी ये हंसी...।
मेरी खुशी का राज बन जाए।।


हर रात रंगीन हो जाए,
हर बात संगीन हो जाए।।
तुम- मेरी, मैं-तेरा...।
हमसफर बन जाए।।

              *कवि- दीपक कोहली*

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