योगी आदित्यनाथ "योगी" बनने से पहले अजय सिंह बिष्ट के नाम से जाने जाते थे। 5 जून 1972 को देवभूमि के पौड़ी जिले के यमकेश्वर तहसील के पंचूड़ गांव में योगी (अजय सिंह बिष्ट) का जन्म हुआ था। योगी गढ़वाली राजपूत परिवार से संबंध रखते है। जिनके पिता आनंद सिंह बिष्ट फॉरेस्ट रेंजर थे। वहीं माता सावित्री देवी एक गृहणी है। योगी आदित्यनाथ की तीन बड़ी बहनें और तीन भाई हैं।
योगी आदित्यनाथ की प्रारम्भिक शिक्षा 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में शुरू हुई। 1987 में योगी ने दसवीं की, तो वहीं 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज से योगी ने बारवीं की। सन् 1990 में योगी ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और सन् 1992 में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा विवि से योगी ने गणित से बीएससी की। जिसके बाद अजय सिंह बिष्ट 1994 में संन्यास लेकर गोरखपुर मंदिर में संत बन गए। संन्यास लेने के बाद अजय सिंह बिष्ट का नाम योगी आदित्यनाथ हो गया। योगी गोरखपुर मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी है।
सन् 1998 से शुरू हुआ, योगी आदित्यनाथ का राजनीति जीवन..। जब बीजेपी ने उन्हें सन् 1998-99 में 12वीं और 13वीं लोकसभा में गोरखपुर से प्रत्यशी बनाया। तब योगी की उम्र मात्र 26 वर्ष थी और आदित्यनाथ जीत कर 12वीं और 13वीं लोकसभा के सबसे युवा सांसद चुने गए। साल 2002 में योगी ने "हिन्दू युवा वाहिनी" की स्थापना की। जिसके बाद साल 2004 में लगातार तीसरी बार तो, वहीं सन् 2009 में 15वीं लोकसभा में 2 लाख से ज्यादा मतों से जीतकर लोकसभा पहुंचे आदित्यनाथ, तो वहीं एक बार फिर योगी साल 2014 में लगातार पांचवीं बार लोकसभा चुनाव जीते। योगी आदित्यनाथ 1998,1999, 2004, 2009,2014 में लगातार गोरखपुर से सांसद चुने गए। योगी बीजेपी के साथ पिछले एक दशक से जुड़े है। योगी एक कट्टर हिन्दूवादी राजनेताओं में गिने जाते है। वर्ष 2005 में योगी ने 1800 ईसाइयों का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में शामिल कराया। जो यूपी के ईटा जिले में किया गया। 2 सितम्बर 2008 को योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हमला भी हुआ था। जिसमें योगी बाल-बाल बचें थे।
आज वहीं योगी यूपी की राजनीति में बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा बन कर सामने आये। जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने योगी को यूपी के 2017 विधानसभा चुनावों मेंं स्टार प्रचारक के रूप में मैदान मेंं उतारा ही नहीं बल्कि बीजेपी जीत तय कर दी। वहीं जब 11 मार्च 2017 को बीजेपी को यूपी में पूर्ण बहुमत से भी ज्यादा सीटें मिली, तो सब राजनीति पार्टियां हैरान नजर आए। 19 मार्च 2017 को बीजेपी ने योगी को यूपी का सीएम बनाकर पूरे प्रदेश में बीजेपी समर्थकों में खुशी की लहर ला दी। वहीं यूपी के इतिहास में पहली बार बीजेपी ने दो उपमुख्यमंत्री बनाकर पूरे देश को चौंका दिया। 19 मार्च 2017 रविवार को योगी ने यूपी के 21वें मुख्यमंत्री पद के रूप में शपथ ग्रहण ली।
संपादक- दीपक कोहली
सन् 1998 से शुरू हुआ, योगी आदित्यनाथ का राजनीति जीवन..। जब बीजेपी ने उन्हें सन् 1998-99 में 12वीं और 13वीं लोकसभा में गोरखपुर से प्रत्यशी बनाया। तब योगी की उम्र मात्र 26 वर्ष थी और आदित्यनाथ जीत कर 12वीं और 13वीं लोकसभा के सबसे युवा सांसद चुने गए। साल 2002 में योगी ने "हिन्दू युवा वाहिनी" की स्थापना की। जिसके बाद साल 2004 में लगातार तीसरी बार तो, वहीं सन् 2009 में 15वीं लोकसभा में 2 लाख से ज्यादा मतों से जीतकर लोकसभा पहुंचे आदित्यनाथ, तो वहीं एक बार फिर योगी साल 2014 में लगातार पांचवीं बार लोकसभा चुनाव जीते। योगी आदित्यनाथ 1998,1999, 2004, 2009,2014 में लगातार गोरखपुर से सांसद चुने गए। योगी बीजेपी के साथ पिछले एक दशक से जुड़े है। योगी एक कट्टर हिन्दूवादी राजनेताओं में गिने जाते है। वर्ष 2005 में योगी ने 1800 ईसाइयों का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में शामिल कराया। जो यूपी के ईटा जिले में किया गया। 2 सितम्बर 2008 को योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हमला भी हुआ था। जिसमें योगी बाल-बाल बचें थे।
आज वहीं योगी यूपी की राजनीति में बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा बन कर सामने आये। जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने योगी को यूपी के 2017 विधानसभा चुनावों मेंं स्टार प्रचारक के रूप में मैदान मेंं उतारा ही नहीं बल्कि बीजेपी जीत तय कर दी। वहीं जब 11 मार्च 2017 को बीजेपी को यूपी में पूर्ण बहुमत से भी ज्यादा सीटें मिली, तो सब राजनीति पार्टियां हैरान नजर आए। 19 मार्च 2017 को बीजेपी ने योगी को यूपी का सीएम बनाकर पूरे प्रदेश में बीजेपी समर्थकों में खुशी की लहर ला दी। वहीं यूपी के इतिहास में पहली बार बीजेपी ने दो उपमुख्यमंत्री बनाकर पूरे देश को चौंका दिया। 19 मार्च 2017 रविवार को योगी ने यूपी के 21वें मुख्यमंत्री पद के रूप में शपथ ग्रहण ली।
संपादक- दीपक कोहली
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