-वो मेरा हल्द्धानी प्यार-
वो हमारी संस्कृति का द्धार,
चमकता हल्द्धानी अपार ।।
वो कुमांऊ गीतों का संग्राम,
गुनगुनाता हल्द्धानी मेरा।।
वो बसों में लोगों का इंतजार,
कोई सोया तो, कोई बैठा ।।
वो मेरा हल्द्धानी का प्यार,
बैठे बस में तेरा इकरार।।
वो मेरे दिल से तुझे नमन्,
मेरी मातृभूमि उत्तराखंड।।
कवि- दीपक कोहली
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