साहित्य चक्र

08 September 2016

आखिर क्यों ...छेड़छाड़ और बलात्कार ?

दीपक कोहली
  आखिर क्यों ...छेड़छाड़ और बलात्कार ?


जी.. हां आखिर क्यों...? आज हमारे देश में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं आज नारी चार दिवारों में भी सुरक्षित नहीं है। जिसके लिए मैं सभी नारीशक्तियों को वो कानून बताने जा रहा हूं, जो सरकार ने उनके लिए बनाए हैं। जिससे आज भी हमारी नारीशक्ति अंजान हैं। अगर कोई दुष्ट व्यक्ति किसी नारी को अश्लील नज़रों से देखता है या फिर कोई गलत इशारे कर छेड़ रहा हो। तो उस व्यक्ति को भारतीय कानून द्वारा धारा- 509 और 294 के तहत तीन माह की जेल और उस पर कानूनी कारवाई की जाएगी। वहीं अगर कोई दुष्ट व्यक्ति किसी नारी (महिला) के साथ जर्बदस्ती शारीरिक छेड़छाड़ या संबंध बनाने की कोशिश की करता हैं या फिर शारीरिक संबंध बना लेता है। तो उसे धारा-375, 376, 376क, 376ख, 376ग, 376घ के तहत आजीवन कारागास (जेल)  होगी। इतना ही नहीं अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ जर्बदस्ती शारीरिक संबंध बनाता है या फिर 16 साल से कम उम्र की लड़की से संबंध बनाने पर भी यहीं सजा होती है। वहीं अगर आपने किसी लड़की को नशीली पदार्थ या उसे डरा- धमकाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया तो तब भी यह धारा लागू होती है।       
लेकिन आज भी कुछ महिलाएं इन  बातों से अंजान है कि हमारे लिए भी कोई कानून है। मेरा प्रयास यह कानून उन लोगों तक पहुंचाना है जो आज भी घरेलू हिंसा और पुराने रीति-रिवाज के माहौल में रहते हैं। या फिर रहने को मजबूर है। वहीं देश में रेप केस और बलात्कार दिनपे-दिन बढ़ रहे हैं। जो एक चिंता का विषय है। लेकिन इस विषय के लिए हमारी नारी शक्ति को भी सोचना चाहिए और अपने अधिकारों का पूरा फायदा उठाना चाहिए। जिससे उन पर कोई अत्याचार ना हो। वहीं इस मूद्दे पर विषेशज्ञों की राय दो टूक में है। जहां कुछ विषेशज्ञ मानते है कि देश माँर्डन और पश्चिमी सभ्यता व संस्कृति अपना रहा  है, तो वहीं कुछ लोग इसे कमजोर कानून का नतीजा बता रहे है। जी हां हमें भी यहीं लगता कि देश अपनी संस्कृति और सभ्यता खो रहा है। मेरा ये मानना है कि हमें अपनी संस्कृति और सभ्यता को बनाए रखना चाहिए। जिससे हमें अपनी संस्कृति को आगे ले जाने में मदद मिलेगी। .......


                                                 संपादक- दीपक कोहली 

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