साहित्य चक्र

27 September 2016

मैं कौन हूं...?


मैं कौन हूं, मुझे पता नहीं..।
मैंने पूछा सब से तो, 
बताया किसी ने नहीं।।

मैंने फूलों से पूछा तो, 
फूलों ने कहां भवरों से पूछो।।

मैंने भवरों से पूछा तो,
भवरों ने कहां चिड़ियों से पूछो।।

मैंने चिड़ियों से पूछा तो,
चिड़ियों ने कहां शिकारियों से पूछो।।

मैंने शिकारियों से पूछा तो,
 शिकारियों ने कहां जंगल से पूछो।।

मैंने जंगल से पूछा तो,
जंगल ने कहां पर्वतों से पूछो।।

मैंने पर्वतों से पूछा तो,
पर्वतों नो कहां आसमां से पूछो।।

मैंने आसमां से पूछा तो,
आसमां ने कहां धरती से पूछो।।

मैंने धरती से पूछा तो,
धरती ने कहां पाताल से पूछो।।


मैंने पाताल से पूछा तो,
पाताल ने कहां आत्मा से पूछो।।

मैंने आत्मा से पूछा तो,
आत्मा ने कहां तुम कठपुतली हो।।

        कवि- दीपक कोहली

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