जयदीप पत्रिका
हिंदी साहित्य की पहचान
साहित्य चक्र
22 September 2016
जी रैया - जागी रैया
जी रैया- जागी रैया।
यो दिन - यो मास,
सबकौं भैंठणा रैया।।
धरती जैस चौड़ हैज्या,
अकाश जैस ऊंच।।
जी रैया - जागी रैया,
फूल जैस खिल रैया।
स्याऊ जैस चतुर हैया,
शेर जैस तेज हैज्या।
यौ दिन यौ मास,
सबकौ भैंठणा रैया।।
कवि- दीपक कोहली
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment