ये मेरी पहाड़ की बदकिस्मती है,
जो यहां शराब मिलती है।
किसी के बुझ गए घर के दिये,
तो किसी का घर बन गया श्मशान।
कोई अनाथ तो कोई इकलौता,
बन गए इस शराब से।
ये तो मेरी पहाड़ की बदकिस्मती है,
जो यहां शराब मिलती है।
किसी का बाप मर तो किसी का भाई,
इस शराब के कारण ।
किसी का घर जला तो किसी की आश,
इसी शराब से हुआ मेरे पहाड़ का नाश।
ये तो मेरी पहाड़ की बदकिस्मती है,
जो यहां शराब मिलती है।
दीपक कोहली
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