साहित्य चक्र

19 September 2016

*मैं तेरा हूं*



मैं तेरा दिल हूं, तू मेरी जान हूं,
मैं एक संसार हूं, तू मेरी सुंदरता है।

मैं तेरा सुर हूं, तू मेरी स्वर है,
मैं एक भक्त हूं, तू मेरी इच्छा है।

मैं तेरा इंद्र हूं, तू मेरी इंद्रा है,
मैं एक बेटा हूं, तू एक  बेटी है।

मैं तेरा किशन हूं, तू मेरी राधा है,
मैं एक चोर हूं, तू मेरी मल्लिका है।

मैं तेरा स्वामी हूं, तू मेरी दासी है,
मैॆ एक बंशी हूं, तू मेरी बांसुरी है।

                      कवि- दीपक कोहली 



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