मन में तमन्ना है कि,
इस देश के लिए कुछ करु।
पर यहां तो सब मतलबी हैं,
कोई कहता तू हिंदू है, तो
कोई कहता तू मुस्लिम है।।
मन में तमन्ना है कि,
इस देश के लिए मर मिटूँ।
पर यहां तोे सब मतलबी है,
कोई कहता तू फकीर है,तो
कोई कहता तू जहांगीर है।।
मन में तमन्ना है कि,
इस देश के लिए शहीद हो जाऊ।
पर यहां तो सब मतलबी हैं,
कोई कहता तू गरीब है,तो
कोई कहता तू अमीर है।।
मन तमन्ना है कि,
पर यहां तो सब मतलबी है,
कोई कहता तू मोटा है, तो
कोई कहता तू छोटा है।।
कवि- दीपक कोहली
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