साहित्य चक्र

30 January 2023

कविताः सरगम





तेरे प्यार में सजना, 
तेरी सजनी संँवर रही...

सात स्वरों से सजा है संगीत, 
सात फेरों से सजा है जीवन, 
सात जन्मों तक मिलें सजना तेरा प्यार
तेरे प्यार में सजना, तेरी सजनी सज रही, 

तेरे प्यार में सजना तेरी सजनी संँवर रही...

तेरे प्रेम के धुन में, घर आंगन चहके, 
खिल रही मेरी फुलवारी, तेरे रंग में रंग कर, 
सजना झूम-झूम कर मेरा मनवा नाचे, 

तेरे प्यार में सजना, तेरी सजनी संँवर रही...

मिला जो तेरा साथ साजन, 
जीवन हुआ मेरा सरगम जैसा, 
ना ग़म की परछाई, चारों और ख़ुशियांँ ही छाई, 
चंदन जैसा; सुगंधित पवित्र हुआ हमारा बंधन, 
सजना तेरे प्यार में, तेरी सजनी निखर रही, 

सजना तेरे प्यार में तेरी सजनी संँवर रही...


                                 - चेतना प्रकाश चितेरी


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