साहित्य चक्र

01 January 2023

शीर्षक- नया साल मुबारक हो




नया साल मुबारक हो ,
पुरानी यादें आपके साथ ताजा हो ।

हर घर मंगल गीत मिलकर हो,
‌ ‌ मोर पपीहा कोयल सब मिलकर नाचें।

प्रेम स्नेह का भाव बढ़ाना सीखों,
‌राग, द्वेष को दूर भागवे ऐसा नया साल हो।

वक्त के साथ बदलना सीखो ,
तुम संघर्ष से साथ लड़ना सीखो।

हर साल बदलता पर हम नहीं,
सबके साथ खुशियों बांटते रहो।

गया दिसंबर अलविदा कह दिए,
नव वर्ष का स्वागत बंधन कर लिए।

फूलों फलों तुम आबाद रहो तुम,
दादा दादी नाना नानी के संग मुस्कुराते रहो ।

नया वर्ष के साथ नया कैलेंडर आया
महिना दिन साल खूब इसमें बताएं।

पशु पक्षियों की सेवा का भाव हो,
उनकी रक्षा करने का हर्षोल्लास हो।

कुछ खट्टी और मीठी यादों के साथ
कई साथ जुड़ गए कई लोगों छूट गये।

2022 में एक बात सिखा दिया
लोगों में फर्क करना बता गया।


- रामदेवी करौठिया




No comments:

Post a Comment