साहित्य चक्र

03 January 2023

कविताः नववर्ष 2023




नववर्ष का आगमन
नया दिन, नया सवेरा
नई कल्पनाएँ, नई दिशाएँ
नई राहें, नई सोच
कुछ कर गुजरने की ख्वाहिश
कुछ अधूरे से ख्वाब
उनको पूरा करने की ललक
कुछ परेशानियां
और उन्हें दूर करने के रास्ते
बड़े- बुजुर्गों का साथ
और उनका सम्मान
बच्चों की मस्ती, बढ़ते हुए कदम
और उनका भविष्य
थोड़ा सा वक्त खुद के लिए
दोस्तों के साथ हंसी -ठिठोली करते हुए
देश और दुनिया के नये आयामों को
देखते हुए
संघर्ष और सफलता को
हथियार बनाते हुए
खट्टे- मीठे अनुभवों को
समेटे हुए
नये जोश और नई खुशियों के साथ
बीते नववर्ष २०२३
नये उल्लास के साथ

                               - तनूजा पंत


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