साहित्य चक्र

22 October 2020

सेना का खर्चा क्यों घटाया..?


मेरा यह सवाल सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहब से है। मान्यवर आप देश के प्रधान सेवक है इसलिए मेरा सवाल सीधे आपसे है। श्रीमान मैं जानना चाहता हूं- एक तरफ आप बोलते हैं भारत को विश्वगुरु बनाना है, तो वही दूसरी तरफ आप भारतीय सेना का खर्चा कम कर रहे हैं। आखिर ऐसा क्यों..? आज जितने भी विकसित और ताकतवर देश है उनकी सेना और सुरक्षा विभाग बहुत मजबूत और आधुनिक टेक्नोलॉजी से परिपूर्ण है। जबकि उन देशों की सीमाएं हमारे देश के मुकाबले काफी शांति और सुरक्षा पूर्ण है। हमारे देश की सीमा बहुत बड़ी और शांतिपूर्ण और खतरनाक है। यह बात मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मेरे दादाजी एक सैनिक थे जो हमें अक्सर बताया करते थे कि भारतीय सेना कितनी मजबूत है और कैसे मजबूत हो सकती है ? भारतीय सेना में मेरे दादाजी ने करीब 30 से 35 साल की सेवा दी है। जब वह 1965 और 71 की लड़ाई के बारे में हमें बताते थे तो तब समझ में आता था कि हमारे देश की स्थिति 1965 और 71 में कैसी थी..? इतना ही नहीं हमारे गांव के अन्य लोग भी भारतीय सेना में अपनी सेवा दे चुके हैं और कुछ लोग दे रहे हैं। मैंने करीब से देखा है जब मैं कक्षा तीन में था तो मेरे साथ मेरी एक बुआ भी पढ़ती थी। हां वो रिश्ते में मेरी बुआ थी मगर मेरे ही उम्र की थी। उसके पिताजी भी भारतीय सेना में थे। शायद 2003- 4 की बात है, जब उसके पिताजी किसी हमले में शहीद हो गए। तब मैं महसूस किया है एक सैनिक जब शहीद होता है तो उसके परिवार पर कितना बड़ा दुखों का पहाड़ टूट ता है। कई सारी घोषणाएं होती है उसके नाम पर मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। प्रधानमंत्री जी मैं आपसे पूछना चाहता हूं- एक विधायक या एक सांसद जब एक बार चुनाव लड़ता है वह भी सिर्फ 5 साल के लिए ही विधायक और सांसद बनता है। उसके बाद हमारी सरकार उसे आजीवन पेंशन देती है और भी कई अन्य सुविधाएं भी देती है। क्या मैं जान सकता हूं यह सेवाएं और सुविधाएं क्यों मिलती है...? जबकि इन लोगों की कोई योग्यता और आयु सीमा नहीं होती है। मेरे इस प्रश्न पर मुझे कई सारे लोग मूर्ख और बुद्धिहीन समझेंगे। मगर मुझे मालूम है कि यह हमारा संविधान कहता है कि हर व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है। 70 साल पहले संविधान का निर्माण हुआ क्या आज हम अपने वर्तमान की जरूरतों को देखते हुए संविधान में संशोधन नहीं कर सकते..? चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति की योग्यता और उम्र सीमा तय नहीं कर सकते..? कर सकते हैं यह मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि आप ने नोटबंदी जैसा कदम उठाया था देश की जनता ने आप का साथ दिया था।

जब भी हो पढ़ा भारतीय सेना का खर्चा सरकार कम करने जा रही है, तो मुझे बहुत ही दुख हुआ। हां आपके कार्यकाल का यह छठा साल है। आपने अपने कार्यकाल के दौरान अभी तक कई बड़े फैसले लिए हैं। जिसका परिणाम देश ने भुगता भी है और देश को फायदा भी हुआ है। भले ही फायदा की मात्रा बहुत कम हो। आपके अंदर निर्णय लेने की क्षमता और जज्बा है। जिसे देखकर मैं हमेशा प्रसन्न रहता हूं। व्यक्तिगत तौर पर मैं आपसे सिर्फ एक कार्यक्रम में मिल पाया हूं। इससे ज्यादा मैं व्यक्तिगत तौर पर आपको ज्यादा नहीं जानता हूं और ना ही मैं जानना चाहता हूं। हां मुझे इतना जरूर पता है आप जो सोचते हैं और जो करना चाहते हैं वह जमीनी स्तर पर सही से नहीं हो पा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारा जो सरकारी तंत्र है वह बहुत ही लचीला और भ्रष्ट हो चुका है। सीमा पर तैनात एक सिपाही की सैलरी एक स्कूल में पढ़ा रहे अध्यापक से कम होती है जबकि सिपाही अध्यापक से ज्यादा घंटे ड्यूटी करता है और सिपाही की जान हमेशा खतरे में रहती है। इसके अलावा आप भली-भांति जानते हैं हमारे देश के नेताओं कितनी सुविधाएं मिलती है। चुनाव के दौरान लाखों करोड़ों रुपए खर्च करते हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी 2019 आम चुनाव में आपकी पार्टी बीजेपी ने सबसे ज्यादा पैसा खर्च किया था। अगर इतना पैसा आम जनता के विकास और संसाधनों में लगा दिया जाए तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं भारत में एक भी व्यक्ति गरीब नहीं रह सकता। मैं आप से उम्मीद करता हूं सीमा पर तैनात, हमेशा अपनी जान खतरे में रखने वाले हमारे वीर सैनिकों के बारे में जरूर सोचें। हमें अपने सीमाओं की रक्षा के लिए रक्षा बजट को और बढ़ाना चाहिए। क्योंकि हमारे पड़ोसी बहुत ही खतरनाक और ताकतवर है। इसके अलावा हमारे कुछ छोटे-छोटे पड़ोसी भी हमसे नाराज होने लग गई है। जिसका आने वाले समय में हमारी सुरक्षा व्यवस्था में फर्क पड़ेगा।

हर रोज सीमा पर हमारे कई सैनिक शहीद होते हैं। आज तक हमारी सरकार इन चीजों पर गंभीरता से नहीं सोच पायी। सरकारें आती रही जाती रही मगर सीमा पर हमारे जवान शहीद होते रहे। क्या उन जवानों की जान की कीमत कुछ नहीं है..? सीमा पर शहीद होने वाले हर सैनिक के परिवार को विधायक, सांसद के बराबर सरकारी सुविधाएं मिलनी चाहिए। नहीं तो देश में चुनाव वही लड़ सकता है, जिसने सेना में अपनी सेवा दी हो या फिर जिसका बेटा या परिवार से कोई सेना में हो..! अभी सैनिकों की शहादत के बारे में हम गंभीरता से सोच पाएंगे। एक सैनिक परिवार से होने के नाते मुझे सेना के खर्चे को कम करने की खबर ने बहुत ही आहत किया है।

@दीपक_कोहली


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