साहित्य चक्र

21 October 2024

कविता- जीवन हमारा होगा




चाँदनी रातों  में जो साथ तुम्हारा होगा,
कितना खुशहाल ये जीवन हमारा होगा।

अँधेरी रातों में जो हाथ तुम्हारा होगा,
जिंदगी जीने का एक सहारा होगा।

कि अगर कर दिया तुमने इशारा तो,
फिर तो मुझे मरना भी गवारा होगा।

यु लहरों को मिलता किनारा होगा,
डूबते को तिनके का सहारा होगा।

हँसते हुए पी लेते हैं ग़मों का साग़र,
हमको कभी तो तुमने पुकारा होगा।

तुम्हारे अलावा भी कोई हमारा होगा,
यह हमको कभी नहीं गवारा होगा।

कुछ यूँ तड़पाता है दिल तन्हाईयों मे,
क्या ऐसा प्यार भी तुम्हें दुबारा होगा।

                                             - अनिल चौबीसा


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