साहित्य चक्र

01 February 2023

स्कूली बच्चों की 5- सुंदर रचनाएँ पढ़िए




कुछ करना होगा

जीवन को सफल बनाना है
तो कुछ कार्य तो करना होगा
वरना स्वयं के ही जीवन को
बोझ बनकर जीना होगा
न जाने कौन सा वक्त आए
जिंदगी कब कौन सा रंग दिखाये
अब तो कुछ करना ही होगा
पंख फ़ैलाकर उड़ना ही होगा
जीवन के इस मार्ग में चलना सरल नहीं
किसी का भी साथ अनंत नहीं
जीवन का तो होता है सिर्फ एक ही अर्थ
हर कदम को करना होगा सार्थक

- सिद्धि केसरवानी


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ईश्वर प्रेमी

सारे जग में एक महान,
जो सारे गुणों की खान।
सारे जग का वह भगवान,
तू ही अल्लाह,तू ही राम।।
तेरे लिए ही जन मंदिर आते,
तन मन धन अर्पण कर जाते।
सारे जग में बस तेरा बखान,
तू ही अल्लाह, तू ही राम।।
ढूंढ रहे तुमको निर्धन धनवान,
कहां बसते हो तुम हे भगवान।
सारे जग में तेरा नाम,
तू ही अल्लाह, तू ही राम।
सुख दुख में तू ही आता,
सबके मन में बस जाता।
पूरा जग करता तुझसे प्यार,
तू ही अल्लाह, तू ही राम।।

- खुशी शर्मा

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एक खास दोस्त है मेरी

एक खास दोस्त है मेरी,
जिसकी याद, हमेशा आया करती है
जो सपनों में आया करती है
और मुझे अक्सर हंसाया करती है।
मैं रोऊं तो मुझे समझाया करती है ।
मैं रूठुं तो मुझे मानाया करती है
एक खास दोस्त है मेरी,
जिसकी याद हमेशा आया करती है।
मुझे असली नहीं
फर्जी नामों से बुलाया करती है
मेरी हर खुशी हर गम में शामिल हुआ करती है।
खुद से गले लगाने को बहुत तरसाया करती है
एक खास दोस्त है मेरी,
जिसकी याद हमेशा आया करती है।
मुझे प्यार से धमकाया करती है।
प्यार से मारा करती है,
मुझे कोई कुछ कह दे
तो' मेरे लिए लड़ जाया करती है।
एक खास दोस्त है मेरी
जिसकी याद हमेशा आया करती है।
वो है तो बहुत सुन्दर
जिसके आगे सब फीके लगा करते है
मेरी तबियत खराब हो तो मुझे डराया करती है
'की मैं जल्दी से ठीक न हुई
तो बाते बन्द ऐसा बताया करती है,
मुझे मालूम है उसे मेरी
बहुत फिकर हुआ करती है
एक खास दोस्त है मेरी,
जिसकी याद हमेशा आया करती है
मेरी माँ जैसा ख्याल रखा करती है
चोट मुझे लगे और वो रोया करती है।
पढ़ाई में ठोड़ी कमजोर है
इसलिए मुझसे बहुत सवाल किया करती है
एक खास दोस्त है मेरी,
जिसकी याद हमेशा आया करती है।
मैं अपने हर जनम में उसका साथ चाहा करती हूँ।
हर दुआ में उसकी खुशी माँगा करती हूँ,
उसके सारे सपने पूरे हो यही मनाया करती हूँ।
एक खास दोस्ते है मेरी
जिसकी याद हमेशा आया करती हैं।

- ईशिता आनंद


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मुझे आसमान को छूने दो

मेरे पर न काटो,
मुझे उङने का मौका दो|
मुझे जीना है खुलकर,
मुझे आसमान को छूने दो

मत मारो जन्म से पहले ही,
क्यों मेरी आवाज़ को दबा रहे,
मुझे आना हैं इस दुनिया में,
मुझे आसमान को छूने दो

क्या गलती है मेरी,
जो हुआ इंसान ऐसा शैतान,
मुझे बोझ मत समझो,
मुझे आसमान को छूने दो

मुझे अबला नारी नहीं बनना,
मुझे भी पढ़ने लिखने दो,
मुझे अफ्सर,कलेक्टर बनने दो,
मुझे आसमान को छूने दो

                                      - नेहा प्रजापति


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एक लड़की

नन्ही सी गुड़िया आई,
दिल में सबके आस जगाई।
उसको आगे बढ़ना है,
दुनिया में कुछ करना है।
बिटिया बड़ी दुलारी थी,
सबने स्नेह से सवारी थी।

मां ने बोला अफसर बनेगी
पापा बोले डॉक्टर
पर बिटिया का अरमान अलग है।
छूना है उसको ऊंचा गगन
सब ने पूछा क्या करोगी?
बिटिया बोली सबको बदलूंगी।

दिल से सब की आशा गई
बिटिया अब क्या करेगी?
दुनिया बोली नासमझ हो
बिटिया बोली धीरज रखो।
बिटिया हुई सयानी है,
दुनिया ने आंख लगाई है।

बिटिया ने किताब लिखी
एक नया इतिहास रचा।
उसकी रुचि अलग है।
उसकी सूची अलग है।
दुनिया का वो होश उड़ाएगी
अपना नया पंख फैलाएगी।


                                 - अदिती पाण्डेय

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