साहित्य चक्र

01 December 2018

सीमा सुरक्षा बल स्थापना दिवस


जब-जब देश की सुरक्षा की बात होती है तब-तब हमारे सैनिकों और रक्षा बलों की जरूर होती है...। सीमा पर 24 घंटे तैनात रहने वाले सैनिकों को हमारा सलाम...। दोस्तों आज यानि 1 दिसंबर देश के सबसे बड़ी सुरक्षा बल बीएसएफ का स्थापना दिवस है..। इसी मौके पर हम आपके लिए लेके आए है...। बीएसएफ की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी...। बीएसएफ या सीसुब जिसे सीमा सुरक्षा बल के नाम से पहचाना जाता है...। जो विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है..। जिसका गठन 1 दिसंबर 1965 में हुआ...। जिसे भारत का एक प्रमुख अर्धसैनिक बल भी कहा जाता है..।


बीएसएफ की जिम्मेदारी सीमा पर शांति बनाए रखना और सीमाओं पर निरंतर निगरानी रखना साथ ही सीमा की रक्षा करना..। दोस्तों आपको बता दें, इस वक्त सीमा सुरक्षा बल की 188 बटालियन है। जो 6385.36 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा करती है...। इतना ही नहीं बीएसएफ की जिम्मेदार सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा का बोध विकसित करना भी है...। सीमा पर होने वाले अपराधों और अवैध गतिविधियों को रोकना भी बीएसएफ की जवाबदेही है...।

1965 भारत-पाक युद्ध के बाद भारत सरकार ने सीमा सुरक्षा बल को एक केंद्रीय एजेंसी के रूप में विकसित किया..। जिसके बाद अतंर्राष्ट्रीय सीमाओं की जिम्मेदार सीमा सुरक्षा बल को दी गई..। जो आज भी इन्हीं जवानों के कंधों पर है..। जब 1965 भारत-पाक युद्ध में हमारे राज्य सशस्त्र पुलिस कमजोर पड़ी तब भारत सरकार को नियंत्रित सीमा सुरक्षा बल की आवश्यकता महसूस हुई..। जिसके परिणामस्वरूप सचिवों की समिति की सिफारिशों से सीमा सुरक्षा बल 1 दिसंबर 1965 में के एफ रूस्तमजी के पहले महानिदेशक के रूप में अस्तित्व में आया...।

जिसका का परिणाम हमें 1971 भारत-पाक युद्ध में देखने को मिला..। जिसमें बीएसएफ ने अहम भूमिका निभाई थी..। इतना ही नहीं बीएसएफ ने बांग्लादेश लिबरेशन में भी अहम भूमिका निभाई थी...। जिसें भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी स्वीकार किया था..। बीएसएफ को लंबे समय का नर बुर्ज भी कहा जाता है..। बीएसएफ केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है..। जिसका मूल सिद्धांत जीवन पर्यन्त कर्तव्य है..। आपको बता दें, सीमा सुरक्षा बल का मुख्यालय दिल्ली के लोधी रोड पर स्थित है..। जिसके वर्तमान महानिर्देशक केके शर्मा है..। बीएसएफ देश की उन सुरक्षा बलों में गिनी जाती है जिसके जाबांज जवान देश के लिए अपने प्राण आए दिन निछावर करते रहते है...। इन्ही जाबाजों के कारण हम अपने घरों में सुरक्षित बैठे है..। इन जाबाजों जवानों को मेरा कोटि-कोटि सलाम...। जय हिंद जय भारत.....।


संपादनः- दीपक कोहली



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