-एक बार फिर दादरी कांड में लगी आग-
जी हां...एक बार फिर दादरी कांड में लगी है आग। आपको बता दे कि एक साल पहले नोएडा दादरी के बिसाहड़ा गांव में जो गौमांस कांड हुआ था। वो एक बार फिर सुर्खियों मे आ गया है। जिसके चलते पूरे दादरी में सन्नाटा छाया हुआ है। ये सन्नाटा इस बात का है कि गौहत्या का आरोपी अखलाक को मौत की घाट सुलाने वाले आरोपी रवि की जेल में मौत होने के कारण पूरे दादरी में तनाव की माहौल बना हुआ है। वहीं एक तरफ ये बताया जा रहा है कि गौहत्या का आरोपी अखलाक का परिवार व कई मुस्लीम परिवार अपने घर छोड़ चले गए है। वैसे तनाव इस बात पर हुआ है कि अखलाक का हत्यारा रवि की मौत कैसे हुई और क्यों हुई। जिसके चलते पूरे बिसाहड़ावासियों में रोष देखने को मिल कहा है। वहीं एक तरफ पूरे गांव ने यूपी सरकार का पुतला फूंक साफ संदेश दे किया है कि रवि की मौत की जांच की जाए। एक ओर कई नेताओं का साथ भी इन गांव वालों को मिलता नज़र आया तो दूसरी ओर प्रशासन इन्हें समझाता नज़र आया। जहां एक तरफ स्थानीय लोगों का कहना है कि हमारे बच्चे जेल में भी सुरक्षित नहीं है। तो वहीं आरोपी रवि के मौत के बाद रवि के परिवार वालों का कहना है कि हमें 50 लाख मुआवजा दिया जाए और जेलर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए साथ ही आरोपी रवि की पत्नी का कहना है कि उसे नौकरी दी जाए। वही कुछ ग्रामीणों का कहना है कि रवि की मौत के पीछे अखलाक का भाई जान मोहम्मद का हाथ है। जिसे गिरफ्तार करना चाहिए। वहीं अगर अधिकारियों की मानें तो रवि पिछले कई दिनों से बीमार था। वहीं शुक्रवार को रवि का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन रवि की मां अभी भी खासी नाराज है। जहां एक तरफ सरकार ने रवि के परिवार वालों को 20 लाख रूपये देने की घोषणा की, लेकिन फिर भी रवि की मां का कहना है कि जब तक रवि के हत्यारों को सजा नहीं होती तब तक हमारा अनशन जारी रहेगा। अब देखने वाली बात ये रहेगी कि क्या सरकार इन आरोपियों को कब तक मुआवजा देती रहेगी। सवाल कई उठते है। क्या सरकार के पास इतना पैसा है कि किसी को भी मुआवजा दिया जाए। मेरा एक सवाल है कि आपस में लड़ने वालों को क्यों सरकार मुआवजा देती है। पहले आरोपियों को गिरफ्तार किया जाता है और अगर कोई आरोपी जेल या किसी कारण वश मर जाता है तो फिर उसके परिवार वालों को सरकार मुआवजा दे देती है। ये क्या है.....किसी को भी सरकार मुआवजा दे देती है। वैसे हमारे सरकार को इस सोचना चाहिए। वहीं अगर कोई सैनिक की मृत्यु होती है तो सरकार उसके परिवार वालों एक मेडल देकर सम्मानित तो कर देते है लेकिन कोई धन राशि मुआवजे में नहीं देती है। वैसे आप समझ तो गए ही होगें की मैं क्या कहना चहता हूं।।
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