एक रूप मेरा....।
सुन्दरता मेरी कश्मीर
रूप मेरा मद्रासी है।।
केरल जैसी आँखें मेरी,
दिल मेरा दिल्ली है।।
मुस्कान मेरी यूपी तो,
स्वभाव मेरा उड़ीसा है।।
तिलक मेरा उत्तराखंड,
तो हृदय मेरा एमपी है।।
कुंडल मेरे छत्तीसगढ़ी तो,
पायल मेरे मिजोरमी है।।
घाघरा मेरा राजस्थानी,
दुपट्टा मेरा गुजराती है।।
बोली मेरी हिमाचली तो,
चोली मेरी पंजाबी है।।
चाल मेरी हरियाणी तो,
शौक मेरे अरुणाचंली है।।
मुकुट मेरा हिमालय तो,
पैर मेरे कन्याकुमारी है।।
काम मेरा वीरों वाला,
तो नाम मेरा भारती है।।
दीपक कोहली
सुन्दरता मेरी कश्मीर
रूप मेरा मद्रासी है।।
केरल जैसी आँखें मेरी,
दिल मेरा दिल्ली है।।
मुस्कान मेरी यूपी तो,
स्वभाव मेरा उड़ीसा है।।
तिलक मेरा उत्तराखंड,
तो हृदय मेरा एमपी है।।
कुंडल मेरे छत्तीसगढ़ी तो,
पायल मेरे मिजोरमी है।।
घाघरा मेरा राजस्थानी,
दुपट्टा मेरा गुजराती है।।
बोली मेरी हिमाचली तो,
चोली मेरी पंजाबी है।।
चाल मेरी हरियाणी तो,
शौक मेरे अरुणाचंली है।।
मुकुट मेरा हिमालय तो,
पैर मेरे कन्याकुमारी है।।
काम मेरा वीरों वाला,
तो नाम मेरा भारती है।।
दीपक कोहली
No comments:
Post a Comment