मैं तेरी राधा, तू मेरा घनश्याम।।
विंदावन की गलियों में नाचे तू,
मथुरा की खिड़की से देखूं मैं।।
हाथों में बंसी, कानों में कुंडल,
मयूर संग नाचे तू अपने मंडल ।।
सिर पर मुकुट, चेहरे पर हंसी,
गायों के साथ खेले तू रस्सी।।
मैं तेरी राधा, तू मेरा श्याम...।
मैं तेरी राधा, तू मेरा श्याम...।
कवि- दीपक कोहली
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