साहित्य चक्र

11 February 2017

देश के युवा पोर्न साइट के शिकार

                                   
            
                                
जकल के युवाओं में पोर्न साइटों को लेकर कई सवाल उठते है। इसी को लेकर देश के विद्वानों ने अपनी - अपनी सोच आम लोगों तक तो पहुंचा दी। लेकिन फिर भी युवाओं में पोर्न देखने का क्रेज कम नहीं हुआ है। वहीं हमारी सरकार इन चीजों पर कानून तो बनाती है लेकिन उन पर कोई अमल नहीं करता है। वैसे हमारे देश में शराब बेचना कानून है लेकिन शराब पीना गैरकानूनी हैं। जो ये दर्शाता है  कि हमारे देश का कानून कितना लचीला है। यहीं नियम इन साइटों पर भी लागू होता हैं। वैसे हमारे देश में सेक्स को लेकर कई बातें सामने आती है। जहां एक ओर पढ़े लिखे लोग इसे कानूनन सही मानते है, तो वहीं गांव देहात क्षेत्रों में इसे गलत माना जाता है। अगर देखा जाए तो पोर्न देखना कोई गैरकानूनी नहीं है। क्योंकि हम 21वीं सदीं और पश्चिमी देशों की संस्कृति अपना रहे है। जहां पोर्न खुले आम देखी जाती है। वहीं अगर पश्चिमी देशों की बात करें तो वहां पोर्न देखना कोई अपराध नहीं है। वैसे पोर्न साइट तो आप जानते ही होंगे, अगर नहीं जानते तो आप भी जान लीजिए। पोर्न साइटों के माध्यम से आप गंदी मूवी & सेक्स के बारे में जानकारी ले सकते है। आखिर जानकारी लेनी भी चाहिए। ये हमारा अधिकार है। वैसे हमारे देश के युवाओं को पोर्न देखने की बीमारी लगी है। पिछले कुछ सर्वों के अनुसार हमारे देश में पोर्न मूवी सबसे ज्यादा देखी जा रही है। जो ये दर्शाता है कि हमारे देश में सेक्स को लेकर आज भी लोगों में एक अलग सोच है। इस मुद्दे पर सरकार ने कई फैसले लेने की सोच, लेकिन आज तक इन पर कोई काम नहीं हो पाया। वैसे कुछ लोगों का मानना है कि पोर्न साइटों पर बैन लगाना आटिर्कल 21 का हनन है। जिसमें राइट टू पर्सनल लिबर्टी की बात की गई है। जिससे आप किसी को कुछ करने से नहीं रोक सकते है।  
वैसे अगर  इंटरनेट पर कुल साइटों की बात करें तो, 37 प्रतिशत साइटें पोर्न मूवीयों की है। जो युवाओं के लिए एक रोज से बढ़कर है।  वहीं "एवस्ट्रीम टेक" के अनुसार पूरे विश्व के इंटरनेट में देखी जाने वाली साइटों में 30 % पोर्न साइटें देखी जाती हैं। जिससे ये साफ हो जाता है कि पूरा विश्व पोर्न साइटों का जमकर इस्तेमाल करता हैं। वैसे अगर भारत की बात करें तो, सेक्स को लेकर लोगों की अलग-अलग मानसिकता हैं। वहीं अगर युवाओं की बात करें तो आज हमारे देश के युवा पश्चिमी सभ्यता के प्रति ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। जिससे रेप, छेड़छाड़ जैसे केस बढ़ने लगे हैं। वहीं अगर देश की महिलाओं की बात करें तो चार पुरूषों के मुकाबले एक महिला पोर्न साइट का इस्तेमाल करती है। जिससे यह साबित होता है कि हमारे देश की महिलाएं भी पोर्न साइट का खूब प्रयोग करती है। वहीं आजकल लिविंग रिलेशनशिप में रहने का भी खूब फैशन चल रहा है। जो इन चीजों को बढ़ावा देता है। एक तरफ हम अपनी संस्कृति की बात करते है तो दूसरी तरफ हम आधुनिक बनते जा रहे है। जिससे हमारी संस्कृति खोती जा रही है। जिससे हम पश्चिमी फैशन के शिकार होते जा रहे है।
वैसे अगर सरकार इस पर कोई कदम उठाना चाहे तो कोई गलत नहीं होगा। क्योंकि हाल ही के दिनों में पीएम मोदी ने नोटबंदी जैसा कदम उठाकर पूरी दुनिया को चौका दिया था। ठीक उसी तरह अगर सरकार चाहे तो इन पोर्न साइटों पर बैन लगा सकती है। जिनसे 18 साल से छोटे नवयुवाओं पर बुरा असर पड़ रहा हैं। सरकार इन पोर्न साइटों को महंगी करे या फिर login के जरिए एक पहचान के माध्यम से इन्हें देखने की इजाजत दें। जिससे 18 साल से छोटे नवयुवा इनके शिकार न हो। हमें भी अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत हैं। हमें अपने बच्चों को सेक्स से संबंधित जानकारियां देनी होंगी। जिससे उन्हें इन चीजों की नॉलेज मिल सके और जिससे वो समझ पाएं, कि आखिर सेक्स क्या होता है। जिससे हमारे देश के नवयुवाओं की मानसिकता बदलेगी। जिसका फायदा देश को होगा, जिससे देश में रेप, छेड़छाड़ जैसी घटनाओं पर रोक लगेगी।
वैसे हमें भी इन चीजों के बारे में खुलकर बात करनी चाहिए। जिससे हमारे समाज में एक नई सोच पैदा हो सके। आखिर हमारा देश पोर्न देखने में क्यों सबसे आगे है..? इस बारे में हमारी सरकार को कुछ सोचा चाहिए और कुछ नये कानून या शिक्षा के माध्यम से जागरुकता फैलानी चाहिए।।

                                                                        संपादक- दीपक कोहली      

   



      

No comments:

Post a Comment