देवभूमि का दिव्यलोक कैंची धाम
कैंची धाम कहे या नीम करोली बाबा कहे तो गलत नहीं होगा। कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भवाली-अल्मोड़ा-रानीखेत मोर्टर मार्ग पर
स्थित है। इसे देवभूमि का दिव्यलोक भी कहा जाता है। ये धाम पूरे विश्व में लोक प्रसिद्ध है। वैसे यहां हनुमान जी का विशाल मंदिर है। लेकिन ये धाम फिर भी यहां के नीम करोली बाबा के नाम से जाना जाता है। आपको बता दूं इस धाम के बारे में कई रोचक कथाएं प्रसिद्ध है। इसी में से एक कथा ये भी बताई जाती है। इस मंदिर में 1962 में नीम करोली बाबा ने अपने कदम रखे थे। जिन्होंने यहां कई लीलाएं रचीं। जो लीलाएं आज लोकप्रसिद्ध है। आपको बता दूं कि, यहां के नीम करोली बाबा हर हमेशा एक कंबल ओढ़ा करते थे। नीम बाबा ने अपने जीवन काल में 108 हनुमान मंदिरों का निर्माण करवाया था। नीम करोली बाबा हनुमान भक्त थे। इस मंदिर का नाम कैंची धाम इस लिए पड़ा क्योंकि यहां पर सड़क कैंची कि तरह कटी हुई है। जिसके चलते यहां के लोगों ने इसे कैंची धाम नाम दे दिया। धीरे धीरे ये नाम आज लोक प्रसिद्ध हो गया। इतना ही नहीं इस मंदिर में दुनिया के हर कोने से श्रदालु दर्शन के लिए आते हैं। पिछले कुछ साल पहले यहां FACEBOOK के CEO मार्क जुकेरबर्ग भी आए थे। इस बात की पुष्टि खुद मार्क जुकेरबर्ग ने की है। कैंची धाम कोसी नदी के किनारे पर बसा है। यहां का वातावरण स्वर्ग का आभास कराता है। वैसे होने को तो उत्तराखंड के हर कर्ण में स्वर्ग का आभास होता है। कैंची धाम अपने आप में एक अलग ही महिमा को दर्शाता है। यहां के लोगों का इस धाम के बारे में कुछ अलग ही मान्यता है। यहां के लोग बाबा नीम करोली को ही अपना ईश्वर मानते है। उन्हीं के भरोसे अपना जीवनयापन करते है। यह स्थान उत्तराखंड की विभिन्न पर्यटन स्थलों में से एक है। वैसे यह मंदिर दिखने में तो बहुत ही सुंदर है। मैं आप लोगों से एक बार जरूर कहूंगा, कि आप भी इस मंदिर में दर्शन के लिए एक बार जरूर आए और अपने दिल को स्वर्ग का आभास जरूर कराएं। इस मंदिर के बारे जानने की कोशिश भी करें। यह मंदिर दिव्यलोक कहा जाता है। दुनिया के कई हस्तियां यहां दर्शन के लिए आ चुके है। कहीं आप न रह जाए। आइए एक बार मेरी देवभूमि के दर्शन तो करिए। वैसे बाबा करोली को हनुमान का रूप भी माना जाता है।
बाबा नीम करोली की जय हो.......।।
संपादक- दीपक कोहली
कैंची धाम कहे या नीम करोली बाबा कहे तो गलत नहीं होगा। कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भवाली-अल्मोड़ा-रानीखेत मोर्टर मार्ग पर
स्थित है। इसे देवभूमि का दिव्यलोक भी कहा जाता है। ये धाम पूरे विश्व में लोक प्रसिद्ध है। वैसे यहां हनुमान जी का विशाल मंदिर है। लेकिन ये धाम फिर भी यहां के नीम करोली बाबा के नाम से जाना जाता है। आपको बता दूं इस धाम के बारे में कई रोचक कथाएं प्रसिद्ध है। इसी में से एक कथा ये भी बताई जाती है। इस मंदिर में 1962 में नीम करोली बाबा ने अपने कदम रखे थे। जिन्होंने यहां कई लीलाएं रचीं। जो लीलाएं आज लोकप्रसिद्ध है। आपको बता दूं कि, यहां के नीम करोली बाबा हर हमेशा एक कंबल ओढ़ा करते थे। नीम बाबा ने अपने जीवन काल में 108 हनुमान मंदिरों का निर्माण करवाया था। नीम करोली बाबा हनुमान भक्त थे। इस मंदिर का नाम कैंची धाम इस लिए पड़ा क्योंकि यहां पर सड़क कैंची कि तरह कटी हुई है। जिसके चलते यहां के लोगों ने इसे कैंची धाम नाम दे दिया। धीरे धीरे ये नाम आज लोक प्रसिद्ध हो गया। इतना ही नहीं इस मंदिर में दुनिया के हर कोने से श्रदालु दर्शन के लिए आते हैं। पिछले कुछ साल पहले यहां FACEBOOK के CEO मार्क जुकेरबर्ग भी आए थे। इस बात की पुष्टि खुद मार्क जुकेरबर्ग ने की है। कैंची धाम कोसी नदी के किनारे पर बसा है। यहां का वातावरण स्वर्ग का आभास कराता है। वैसे होने को तो उत्तराखंड के हर कर्ण में स्वर्ग का आभास होता है। कैंची धाम अपने आप में एक अलग ही महिमा को दर्शाता है। यहां के लोगों का इस धाम के बारे में कुछ अलग ही मान्यता है। यहां के लोग बाबा नीम करोली को ही अपना ईश्वर मानते है। उन्हीं के भरोसे अपना जीवनयापन करते है। यह स्थान उत्तराखंड की विभिन्न पर्यटन स्थलों में से एक है। वैसे यह मंदिर दिखने में तो बहुत ही सुंदर है। मैं आप लोगों से एक बार जरूर कहूंगा, कि आप भी इस मंदिर में दर्शन के लिए एक बार जरूर आए और अपने दिल को स्वर्ग का आभास जरूर कराएं। इस मंदिर के बारे जानने की कोशिश भी करें। यह मंदिर दिव्यलोक कहा जाता है। दुनिया के कई हस्तियां यहां दर्शन के लिए आ चुके है। कहीं आप न रह जाए। आइए एक बार मेरी देवभूमि के दर्शन तो करिए। वैसे बाबा करोली को हनुमान का रूप भी माना जाता है।
बाबा नीम करोली की जय हो.......।।
संपादक- दीपक कोहली
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