मां देवकी ने जन्म दिया,
मां यशोदा ने पला-पोसा।।
कभी माखन चोर कहलाया,
कभी गोपियाों का दिवाना।।
कभी हाथों में बंसुरी तो,
कभी सिर में मयूर पंख ।।
काल कोठरी में जन्म तेरा,
विन्दावन में खेला तूने।।
कभी मीरा, तो कभी राधा हुई,
तेरे नाम की दिवानी ।।
कहीं माखन चोर तो,
कहीं मुरली वाला नाम तेरा।।
कवि- दीपक कोहली
कहीं माखन चोर तो,
कहीं मुरली वाला नाम तेरा।।
कवि- दीपक कोहली
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