साहित्य चक्र

30 November 2019

स्वर्ग से सुंदर

अपना घर 
-------------

स्वर्ग से सुंदर 
प्यारा-न्यारा 
अपना घर 
छोटा हो या हो बड़ा 
कच्चा हो या हो पक्का 
जैसा भी हो 
कैसा भी हो 
सबसे बढ़िया होता 
अपना घर 
सुख-शांति 
असीम तृप्ति 
आनन्द की खान 
अपना घर 
जाड़ा-गर्मी और बरसात से 
सहज बचा लेता 
अपनों के प्यार-स्नेह से 
महक उठता घर
घर का सुख 
पूछो उनसे 
जिनके पास नहीं है 
अपना घर 
टूटा हो या फूटा हो 
टाट-झोपड़ी वाला घर 
एक मंजिला हो या 
हो बहुमंजिला 
अपना घर तो 
अपना घर ही होता है |

                                       - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा 


No comments:

Post a Comment