- मेरी जन्मभूमि की पहचान -
पर्वतों का प्रदेश, लहरों का ऑंगन,
यहीं है मेरी जन्मभूमि की पहचान।।
हवा की लहरें, फलों की मीठास,
सुन्दरता की चमक, वनों का सौन्दर्य,
यहीं है मेरी तपोभूमि की पहचान।।
खेतों की फसल, अॉंगन की सब्जी,
घरों में मंदिर, मंदिरों की मूर्तियॉं,
यहीं है मेरी देवभूमि की पहचान।।
कवि - दीपक कोहली
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