साहित्य चक्र

07 November 2016

* मॉं सरस्वती *

* माँ सरस्वती *

तुम हंसवाहिनी तुम सरस्वती,
तुम ही विद्दा - वाहिनी।।

तुम सुर - तुम विद्दा,
तुम ही संगीत वाहिनी।।

तुम ज्ञान - तुम विज्ञान ,
तुम ही मनोविज्ञान।।

तुम रूप -तुम सुन्दर,
तुम ही रूपवाहिनी।।

तुम शांति - तुम शीतल ,
तुम ही शांति- वाहिनी।।


तुम वीणा - तुम बांसुरी ,
 तुम ही वीणा- वाहिनी।।

                    कवि- दीपक कोहली

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